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विद्युत अपघट्य के प्रकार (Types Of Electrolytes)
विद्युत अपघट्य दो प्रकार के होते हैं–
- 1. दुर्बल विद्युत अपहाट्य।
- 2. प्रबल विद्युत अपघट्य
दुर्लभ विद्युत अपघट्य किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए ?
सभी विद्युत अपघट्य अपने जलीय विलयन में समान रूप से आयनित नहीं होते हैं इस आधार पर विद्युत अपघट्य दो प्रकार की होते हैं –
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1. दुर्लभ विद्युत अपघट्य –
वे विद्युत अपघट्य जो अपने जलीय विलयन में बहुत कम आयनित होते हैं तथा विलियन को बहुत अधिक तनु करने पर पूर्ण आयनित नहीं होते हैं दुर्लभ अपघटक कहलाते हैं। उदाहरण – एसिटिकएसिड , अमोनिया हाइड्रोक्साइड ,फार्मिक अम्ल, अमोनियम ऐसीटेट, सक्सेनिक अम्ल आदि।
2. प्रबल विद्युत अपघट्य –
वह विद्युत अपघट्य जो अपने जली विलियन में लगभग पूर्ण रूप से आयनित हो जाते हैं प्रबल विद्युत अपघट्य कहलाते हैं
उदाहरण – उदाहरण– NaOH (सोडियम हाइड्रॉक्साइड), KOH (पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड), NaCl (सोडियम क्लोराइड), KCl (पोटेशियम क्लोराइड), HCl (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल) etc
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प्रबल विद्युत अपघट्य तथा दुर्लभ अपघट्य में अंतर –
1. यह अपने जलीय विलियन में आंशिक रूप से आयनित होते हैं | यह अपने जलीय विलयन मैं पूर्ण रूप से आयनित होते हैं |
2. इनके बिलानो में घायलों की संख्या कम होने के कारण चालकता का मान कम हो जाता है | इनकी विलियनो में आयनो की संख्या अधिक होने के कारण चालकता का मान अधिक होता है |
3. इनके लिए वियोजन की मात्रा∝का मान ∝ < 1 | इनके लिए वियोजन की मात्रा∝ का मान ∝ = 1 |
4. तनुता बढ़ाने पर इनकी चालकता में वृद्धि होती है | तनुता का इनकी चालकता पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है |
5 उदाहरण – Ch3CooH, NH4oH | Hcl, NaoH,Nacl |
Faqs दुर्लभ विद्युत अपघट्य और प्रबल विद्युत अपघट्य क्या है
दुर्लभ विद्युत अपघट्य किसे कहते हैं
वह विधुत अपघट्य अपने जलीय विलियन में बहुत कम आयनित होते हैं उसे दुर्लभ विद्युत अपघट्य कहते हैं
Prabal Vidhut apghatya L se Kase kahte hai
वह विद्युत अपघट्य जो अपने जलीय विलियन में लगभग पूर्ण रूप से आयनित हो जाते हैं प्रबल विद्युत अपघट्य कहलाते हैं