परागकण (Pollengrain) – पुंकेसर के परागकोष में परागकण का निर्माण होता है। इन्हें लघुबीजाणु के नाम से भी जाना जाता है। उसे परागकण कहते हैं।
परागकण किसे कहते हैं इसकी संरचना को समझाइए?
परागकण की संरचना – परागकण की संरचना का अध्ययन करने पर इसके चारों ओर एक खुरदुरा स्तर पाया जाता है जिसे Exine (बाह्यय चोल) कहते हैं। Exine में पाये जाने वाले छिद्र चरमपोर कहलाते हैं। Exine के ठीक नीचे एक चिकना स्तर पाया जाता है। जिसे Intine (अंतः चोल) कहते हैं। इसके ठीक मध्य में एक केंद्रक पाया जाता है। तथा इसमें भरा हुआ द्रव्य कोशिका द्रव कहलाता है।
