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यौन संक्रमित रोग (STD) ऐसे लोग जो असुरक्षित यौन संबंध द्वारा फेलते हैं। यौन संक्रमित रोग कहलाते हैं।
कुछ प्रमुख यौन संक्रमित रोग :-
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1. गोनोरिया :- यह रोग निसेरिया गोनोरिया नामक जीवाणु के द्वारा फैलता है।
लक्षण :-
1. मूत्र जलन के साथ आता है।
2. मूत्र के साथ पस निकलता है।
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3. पुरुषों तथा महिलाओं के मूत्र मार्ग में सूजन आ जाती है।
उपचार : – इस रोग के उपचार के लिए निम्नलिखित प्रतिजैविको को का उपयोग किया जाता है।
- पेनिसिलीन।
- 2. नोर वैक्टिन।
- 3. सिप्रोफ्लोक्सिन।
2. सिफिलिस : – यह रोग ट्रेपोनेमा पैलेडम नामक स्पाइरोकीट द्वारा फैलता है।
लक्षण :-
1. पुरुषों तथा महिलाओं के मूत्र मार्ग में दाने निकल आते हैं।
2. मूत्र मार्ग से पस निकलता है।
3. तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो जाता है।
उपचार :- इस रोग के उपचार के लिए निम्नलिखित प्रतिजैविको का उपयोग किया जाता है।
- पेनिसिलीन ।
- नोर वैक्टिन।
- डॉक्सी साइक्लीन।
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3. जननांग की हर्पीज:- यह रोग हर्पीज सिंपलेक्स नामक विषाणु द्वारा फैलता है।
लक्षण : –
1. पुरुषों तथा महिलाओं के जननांगों में तीव्र दर्द होता है।
2.Female की योनि में छाले पड़ जाते हैं।
उपचार :- इस रोग का कोई उपचार नहीं है दर्द से मुक्ति पाने के लिए किसी भी दर्द निवारक टेबलेट का उपयोग किया जा सकता है।
4.Aids :- यह रोग Hiv (ह्यूमन इन यूनो डेफिसियेंसी वायरस) द्वारा फैलता है।
लक्षण :-
1. रात में बहुत अधिक पसीना आता है।
2. लसिका ग्रंथियों में सूजन आ जाती है।
3. वजन घटने लगता है।
4. हर समय बुखार बना रहता है।
उपचार :- इस रोग का कोई उपचार नहीं है केवल सुरक्षा ही बचाव है।
यौन संक्रमित रोग के क्या बचाव हैं?
यौन संक्रमित रोग के निम्नलिखित बचाव है।
यौन संक्रमित रोग के बचाव –
1. असुरक्षित योन संबंधों से बचना चाहिए।
2. समय पर टीके लगवाना चाहिए।
3. नशाखोरी से बचना चाहिए।
4. संक्रमित महिला को गर्भधारण नहीं करना चाहिए।
5. जननांगों की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
6. संक्रमित व्यक्ति को रक्त आधान नहीं करना चाहिए।
क्या विद्यालयों में यौन शिक्षा आवश्यक है? यदि हां तो करण बताइए।
विद्यालयों में यौन शिक्षा आवश्यक है क्योंकि –
1. इस शिक्षा के द्वारा छात्र एवं छात्राओं को यौन संक्रमित रोग के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
2. इस शिक्षा के द्वारा उन्हें विवाह की सही उम्र की जानकारी प्राप्त होती है।
3. इस शिक्षा के द्वारा वे यौन अपराधों से बच सकते हैं।
4. इस शिक्षा के द्वारा वे जनसंख्या को नियंत्रित कर सकते हैं।
5. इस शिक्षा के द्वारा वे अंधविश्वासों से बच सकते हैं।
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जन्मदर किसे कहते हैं?
किसी क्षेत्र में एक निश्चित समय में जन्म लेने वाले शिशुओं की औसत संख्या जन्म दर कहलाती है।
मृत्युदर किसे कहते हैं?
किसी क्षेत्र में एक निश्चित समय में मरने वाले जीवो की औसत संख्या मृत्यु दर कहलाती है।
शून्य जनसंख्या किसे कहते हैं?
जब जन्मदर और मृत्युदर समान होती है तो उसे शून्य जनसंख्या कहते हैं।