नमस्कार दोस्तों आज कि इस पोस्ट में आपका स्वागत है। आज हम आपको MP Board Class 12th Chemistry Imp Question Paper देने वाले हैं। जिससे आपकी बोर्ड परीक्षा में मदद होगी।

1. निम्नलिखित में से अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है ।
- नमक
- सोडा
- काँच
- हीरा
2. किसी क्रिस्टल में प्रति इकाई कोशिका में परमाणुओं की संख्या 2 हो, तो क्रिस्टल संरचना होगी ।
- अष्टफलकीय
- फलक केन्द्रित धनीय
- अन्त: केन्द्रित धनीय
- सामान्य धनीय
3. निम्नलिखित में से सहसंयोजी क्रिस्टल है –
- नमक
- सोडा
- काँच
- हीरा
4. किसी क्रिस्टल का ऋणायन द्वारा निर्मित रिक्ति में इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति द्वारा जनित दोष –
- फ्रेंकल दोष
- शॉटकी दोष
- रससमीकरणीय दोष
- F – केन्द्र
5. निम्नलिखित क्रिस्टलीय पदार्थ जिसमें धनायन धनीय संकलित संरचना बनाता है और ऋणायन रिक्तियों में उपस्थित रहता है –
- NaCl
- CsCl
- ZnS
- CaF2
6. एक फलकं केन्द्रित घन इकाई कोशिका में उपस्थित परमाणुओं की संख्या –
- 4 होती है
- 3 होती है
- 2 होती है
- 1 होती है
7. क्रिस्टल जालक की सूक्ष्मतम इकाई होती है –
- जालक सेल
- इकाई सेल
- सममिति केन्द्र
- त्रिविम जालक
8. शुष्क बर्फ (ठोस CO2) है –
- आयनिक क्रिस्टल
- सहसंयोजी क्रिस्टल
- आण्विक क्रिस्टल
- धात्विक क्रिस्टल
9. CsCl क्रिस्टल में प्रत्येक Cs+ आयन के धेंरे रहने वाले विपरीत आयनों की संख्या होती है –
- 4
- 6
- 8
- 12
10. फेंकल दोष के कारण आयनिक ठोसों का धनत्व –
- बढ़ता है
- घटता है
- अपरिवर्तित रहता है
- परिवर्तित हो जाता है
11. क्रिस्टल जालक से एक धनायन तथा एम ऋणायन का स्थान रिक्त होगा, कहलाता है –
- आयनिक दोष
- परमाण्विक दोष
- फ्रेंकल दोष
- शॉटकी दोष
12. किसी अभिक्रिया का वेग अभिक्रिया की प्रगति के साथ –
- बढ़ता है
- घटता है
- अपरिवर्तित रहता है
- परिवर्तित होता है
13. निम्न में से वह कारक जिस पर शुन्य कोटि की अभिक्रिया दर स्वतंत्र है –
- अभिक्रिया का ताप
- अभिक्रिया का सांन्द्रण
- उत्पादों का सान्द्रण
- अभिकारकों के सान्द्रण
14. प्रथम कोटि की अभिक्रिया का विशिष्ट दर स्थिरांक किस पर निर्भर करता है –
- ताप पर
- दाब पर
- अभिकर्मक की सान्द्रता पर
- उत्पाद के सान्द्रण पर
15. शून्य कोटि की अभिक्रिया के वेग स्थिरांक की इकाई है –
- LMOL-1s-1
- mol l-1 s-1
- Ls-1
- mol s-1
16. किसी अभिक्रिया का वेग स्थिरांक निम्न में से किस कारक की वृद्धि के साथ बढ़ता है –
- दाब
- ताप
- क्रियाकारको की सान्द्रता
- उपरोक्त सभी
17. किसी अभिक्रिया का तापक्रम बढ़ाने पर क्रिया दर अधिक बढ़ जाने का मुख्य कारण –
- टक्करों की प्रभावी संख्या का बढ़ जाना
- सक्रियण उर्जा का मान बढ़ जाना
- सक्रियण उर्जा का मान कम हो जाना
- अणुओ की संख्या बढ़ जाना
18. किसी अभिक्रिया का वेग क्रियाकारकों की सान्द्रता पर निर्भर नही करता है, यह अभिक्रिया –
- प्रथम कोटि की होगी
- द्वितीय कोटि की होगी
- तृतीय कोटि की होगी
- शून्य कोटि की होगी
19. किसी अभिक्रिया का लिए वेग = k[A]m[B]n इसकी कोटि
- m + n होगी
- m-1 होगी
- m होगी
- n होगी
20. रेडियोधर्मी क्षय क्रिया की अभिक्रिया कोटि होती है
- शून्य
- प्रथम
- द्वितीय
- तृतीय
21. प्रथम कोटि की अभिक्रिया की अर्द्धआयु निर्भर करती है –
- क्रियाकारक की सान्द्रता पर
- उत्पाद की सान्द्रता पर
- क्रियाकारक एवं उत्पाद की सान्द्रता पर
- क्रियाकारक एवं उत्पाद दोनों की सान्द्रता पर नही
22. रासायनिक अभिक्रिया की दर निर्भर करती है –
- सक्रिय द्रव्यमान पर
- परमाणु द्रव्यमान पर
- तुल्यांकी भार पर
- आण्विक द्रव्यमान पर
23. कोलॉइडी कणों का आकार होता है –
- 10-7 – 10-9 सेमी के बीच
- 10-9– 10 -11 सेमी के बीच
- 10-5 – 10-7 सेमी के बीच
- 10-2 – 10-3 सेमी के बीच
24. भौतिक अधिशोषण में ठोस की सतह पर गैस के अणु बंधे रहते है –
- रासायनिक बलों द्वारा
- स्थिर वैद्युत बलों द्वारा
- गुरूत्वीय बलों द्वारा
- वाण्डर वाल्स बलों द्वारा
25. निम्न में से किसका प्रयोग द्रव स्नेही कोलॉइडी विलयन बनाने में नहीं होता है –
- स्टार्च
- गोंद
- जिलेटिन
- धातु सल्फाइड
26. सॉल हमेशा निम्न गुण प्रदर्शित नही करते है –
- अवशोषण
- टिण्डल प्रभाव
- स्कंदन
- चुम्बकीय गुण
27. कोलॉइडी कणों का कौन सा गुण प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है –
- विसरण
- पेप्टीकरण
- टिण्डल प्रभाव
- ब्राउनी गति
28. तुरंत अवक्षेपित फेरिक हाइड्रॉक्साइड पर तनु HCl की कुछ बुन्दे डालने पर लाल रंग का कोलॉइल विलयन मिलता है । इस प्रक्रम कहते है –
- विलयन
- संरक्षण क्रिया
- पेप्टीकरण
- अपोहन
29. आर्सीनियस सल्फाइड के कोलॉइडी विलयन को निम्न के द्वारा स्कंदित किया जाता है –
- वैद्युत अपघट्य डालकर
- वैद्युत अनअपघट्य डालकर
- विलयन को कुछ दिन रखकर
- ठोस AS2S3 मिलाकर
30. कोलॉयडी कणों का अधिगमन विद्युत क्षेत्र के प्रभाव द्वारा होने का प्रक्रम कहलाता है-
- धन कण संचलन
- वैद्युत कण संचलन
- विद्युत अपोहन
- विद्युत परिक्षेपण
31. किसी आयन की स्कंदन क्षमता किसी प्रदत्त कोलॉइल विलयन के लिए निर्भर है –
- आकार पर
- केवल आवेश की मात्रा पर
- आवेश के चिन्ह पर
- आवेश की मात्रा एवं चिन्ह दोनो पर
32. सक्रिय चारकोल में ऐसीटिक अम्ल का अधिशोषण प्रक्रिया में ऐसीटिक अम्ल है –
- अधिशोषण करने वाला
- अवशोषक
- अधिशोषण
- अधिशोष्य
34. हार्डी शूल्जे नियम सम्बधित है –
- विलयन से
- स्कंदन से
- ठोसों से
- गैसो से
35. भर्जन का मुख्य कार्य है –
- वाष्पशील पदार्थ को हटाना
- ऑक्सीकरण
- अपचयन
- धातुमल बनाना
36. अयस्क के प्रगलन का उद्देश्य है –
- ऑक्सीकृत करना
- अपचयित करना
- वाष्पशील मल का हटाना
- मिश्र धातु प्राप्त करना
37. ताम्बे का मुख्य अयस्क है –
- कैल्कोपायराइट
- केसिटेराइट
- क्रायोलाइट
- कैलामी
- 39. लोहे का प्रमुख स्रोत है –
- मैग्नेटाइट
- बॉक्साइट
- मैग्नेसाइट
- 40. अयस्को से शुद्ध रूप में धातुओं को प्राप्त करने को कहा जाता है –
- शोधन
- सान्द्रण
- निक्षालन
- धातुकर्म
- 41. हैमेटाइट के सान्द्रण की विधि है –
- धनत्वीय पृथक्करण
- झाग प्लवन
- चुम्बकीय पृथक्करण
- उपर्युक्त में से कोई नही
- 42. ऑक्साइड अयस्को से धातु के निष्कर्षण का सामान्य तरीका कौन सा है –
- कार्बन के साथ अपचयन
- हाइड्रोजन के साथ अपचयन
- ऐल्युमिनियम के साथ अपचयन
- विद्युत अपघटन विधि
- 43. पाइराइट अयस्क को वायु में गर्म करके गंधक को हटाने की क्रिया कहलाती है –
- प्रगलन
- निस्तापन
- अमलगमन
- भर्जन
- 44. अयस्कों के प्रगलन के समय गालक का कार्य है –
- अयस्क को सरन्ध्र बनाना
- अधात्री हटाना
- अपचयन सुगम करना
- धातुमल का अपक्षेपण
- 45. वह पदार्थ जो गैस के साथ प्रतिक्रिया करके गलनीय द्रव बनाता है, कहलाता है –
- गालक
- उत्प्रेरक
- अयस्क
- धातुमल
- 46. प्रगलन की प्रक्रिया निम्नलिखित में सम्पन्न होती है –
- वात्या भट्टी
- खुले तल की भट्टी
- सफल भट्टी
- विद्युत भट्टी
- 47. निम्नलिखित में से किस खनिज में ऐल्युमीनियम अनुपस्थित है –
- क्रायोलाइट
- माइका
- फेल्सपास
- फलुओरस्पार
- 48. नाइट्रोजन पेन्टाहैलाइड नही बनाता है क्योंकि –
- इसका आकार छोटा होता है
- इसकी आयन