उत्तर : किशोरावस्था (Adolescence) : जीवन के विकास चक्र में बाल्यावस्था के बाद जो अवस्था आती है उसे किशोरावस्था कहते हैं। यह 13 से 18 साल तक रहती है।
जर्सील्ड के अनुसार : किशोरावस्था वह अवस्था है। जिसमें एक विकासशील व्यक्ति बाल्यावस्था से परिपक्व अवस्था की ओर बढ़ता है।
किशोरावस्था (Adolescence) की सामान्य समस्याये लिखिए?
किशोरावस्था का सामान्य समस्याये निम्नलिखित हैं।
1.लिंग भेद की समस्याये : समाज प्राय: लड़के और लडकियो के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार करता है। लड़को को तो पूर्ण स्वतन्त्रता दे दी जाती है लेकिन लड़कियो पर कड़े प्रतिबिन्ध लगा दिये जाते है।

2.हीन भावना की समस्याये : इस अवस्था में किशोर एवं किशोरियों को हीन भावना की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
3.भविष्य निर्माण की चिन्ताऐं : इस अवस्था में किशोर एवं किशोरियो को भविष्य निर्माण की चिन्ताऐं सताने लगती है।
4.नैतिक समस्यायें : इस अवस्था में किशोर एवं किशोरियो को नैतिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
5.सामाजिक समायोजन की समस्यायें : इस, अवस्था मे किशोर एवं किशोरियों को सामाजिक समायोजन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है उनके विचार पुरानी पीढ़यो के विचारों से मेल नहीं खाते है।
6.यौन समस्यायें :- इस अवस्था में जननांगों का तेजी से विकास होता है। जिससे किशोर एवं कमोरियो को यौन समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं।
किशोरावस्था (Adolescence) की अवधि मे आने वाले शारीरिक एवं मानसिक विकास लिखिए।
उत्तर : 1. किशोरावस्था की अवधि में होने वाले शारीरिक विकास।
1.इस अवस्था मे द्वितीयक लंगिक लक्षणों का विकास होने लगता है।
2. इस अवस्था में किशोरियों में मासिक चक्र प्रारंभ हो जाता है।
3. इस अवस्था में किशोरियों में अण्डाणु जनन की क्रिया प्रारंभ हो जाती है। । जससे अण्डाणुओं का निर्माण होने लगता है।
4. इस अवस्था में किशोरों मे शुक्राणु जनन की किया प्रारंभ हो जाती है। जिससे शुक्राणुओं का निर्माण होने लगता है।
5. किशोरियाँ, किशोरो की अपेक्षा जल्दी परिपक्त हो जाती हैं।
2. किशोरावस्था की अवधि में होने वाले मानसिक विकास
- इस अवस्था मे बुद्धि का चरम विकास हो जाता है।
2. अवस्था मे किशोर एवं किशोरियों में स्तवन्त्रता की भावना जाग्रत हो जाती है।
3. इस अवस्था में किशोर एवं किशोरियों में भ्रमण के प्रति अभिरुचि पैदा हो जाती है।
4. इस अवस्था मे किशोर व किशोरिया में अध्ययन के प्रति अभिरुचि पैदा हो जाती है।
5. इस अवस्था मे किशोर एवं किशोरियों के विचार पराने पीढ़ियों के विचारों से मेल नहीं खाते है। इसे ही पीढ़ी अन्तर कहते हैं।
6. इस अवस्था में किशोर एवं किशोरिया कल्पनाशील हो जाते हैं। और वे दिन में ही सपने देखने लगते हैं।
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किशोरावस्था (Adolescence) की विशेषताएँ लिखिए?
उत्तर : किशोरावस्था की विशेषताऐं –
1.किशोरावस्थ एक संक्रांति की अवस्था है। इस अवस्था में बाल्यावस्था की आदतें एवं लक्षण धीरे-धीरे समाप्त होने लगते है। और उनमें अपने निर्णय स्वयं लेने की क्षमता विकसित हो’ जाती है।
2. किशोरावस्था भावनात्मक अस्थिरता की अवस्था है – इस अवस्था में किशोर एवं किशोरियाँ कई प्रकार की भावनाओं से ग्रसित हो जाते है।
3. किशोरावस्था समस्या बाहुल्य की अवस्था है – इस अवस्था में किशोर एवं किशोरियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
4. किशोरावस्था उमंगपूर्ण कल्पना की अवस्था है – इस अवस्था में किशोर एवं किशोरियाँ कल्पनाशील हो जाते है। और वे दिन मे ही तरह-तरह के सपने देखने लगते हैं।
5. किशोरावस्था कामुकता के जागरण की अवस्था है : इस अवस्था में किशोर एवं किशोरियाँ आत्ममोहित हो जाते है और वे सभी अपने आप को बहुत सुन्दर समझने लगते है। और वे इसके लिए तरह-2 के प्रयास करते है
6. किशोरावस्था शैशवावस्था की पुनरावृत्ति है – किशोरावस्था को शैशवावस्था की पुनरवृति कहा जाता है क्योंकि शैशवावस्था के कई लक्षण किशोरावस्था से मिलते है।
बाल्यावस्था (Childhood) किसे कहते हैं?
बाल्यावस्था (Childhood) : जीवन के विकास क्रम में 6 साल से 12 साल तक की अवधि बाल्यवस्था कहलाती है।